उन्नत कृषि प्रौद्योगिकी व कृषि मशीनीकरण के परिणाम स्वरूप वर्ष 1950-51 के मुकाबले खाद्यान्न और बागवानी फसलों की पैदावार में क्रमश 8 व 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। लेकिन यह खाद्यान्नों की भविष्य की जरूरत के लिए पर्याप्त नहीं है। किसानों के लिए पहले तीन ‘म’- मानसून, मनी व मार्केट महत्वपूर्ण माने जाते थे लेकिन अब एक और ‘म’ यानि मशीनरी ने भी स्थान ले लिया है। यह बात पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ बी एस ढिल्लों ने कही। कृषि यांत्रिकी एवं मशीनरी पर तीन दिवसीय इंडिया एग्री प्रोग्रेस एक्सपो के अंतिम दिन के तकनीकी सेमिनार में किसानों व पंजाब व नेशनल मशीनरी मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन के पदाधिकारियों व मेंबर्स को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा केंद्र सरकार ने 12वीं पंचवर्षीय योजना में कृषि मशीनीकरण मिशन को शामिल किया था, जो कृषि में मशीनीकरण को बढ़ावा देने के लिए एक प्रभावशाली कदम साबित हो रहा है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2t4oelp
via IFTTT
Comments
Post a Comment