
बाहरी राज्यों से यहां पहुंच रहा कुछ कंपनियों का दूध पीने लायक नहीं है, इससे सेहत भी बिगड़ सकती है। इस बात का खुलासा फूड एवं सेफ्टी विभाग की ओर से भरे इन दूध के सैंपलों की जांच रिपोर्ट में हुआ है। हैरान करने बाली बात तो इन रिपोर्टमें यह है कि मीठापन देने के लिए दूध में चीनी की मात्रा भी पाई गई है, जबकि जो सेहत के लिए जरुरी है, वह फैट की मात्रा ही कम है। दूध के तीन सैंपल सबस्टैंडर्ड पाए गए हैं। अब जांच रिपोर्टपहुंचते ही विभाग ने उक्त कंपनियों को नोटिस जारी करने को लेकर कार्रवाई तेज कर दी है। विभाग की टीम ने यहां से सैंपल हालांकि नवंबर महीने के बाद भरे थे, जिनकी जांच रिपोर्ट कंडाघाट लैब से यहां 27 जनवरी को पहुंची है। यही नहीं टीम ने जो यहां खुले तौर पर बेचा जा रहा पनीर का सैंपल भरा था, वह भी जांच में फेल पाया गया है।
यह पाया गया रिपोर्ट में ः सुपर अल्ट्रा मिल्क का दूध जो जिला फूड एवं सेफ्टी अधिकारी मधुबाला की अगुवाई में टीम ने भरा था, उसमें फैट कम और चीनी ज्यादा, काऊ मिल्क कामधेनू के सैंपल में चीनी की मात्रा ज्यादा, बिट्टा फुल क्रीम मिल्क के दूध जांच रिपोर्ट में चीनी की मात्रा ज्यादा और फैट कम पाया गया है। पनीर की जांच रिपोर्ट में मिल्क फैट प्रॉपर न होने पर यह सभी सैंपल सबस्टैंडर्ड पाए गए हैं। इस रिपोर्ट के आने के बाद यहां सवाल यह उठ रहे हैं कि आखिर लोगोें की सेहत से खिलवाड़ करने की सामग्री सरेआम वेची जा रही है। अब यहां विभाग को अधिकारी मिलने के बाद आखिर सैंपल भरने की प्रकिया तेज हुई है तो पहले भी काफी सैंपल लोकल मिठाइयों के जांच में फेल पाए गए हैं।


सैंपल हमीरपुर से ही भरे गए थे। वाहनों से यह दूध यहां पहुंचाया जा रहा था। सुपर अल्ट्रामिल्क, काऊ मिल्क कामधेनू, पनीर जो खुला बेचा जा रहा था व बिट्टा फुल क्रीम मिल्क के भरे सैंपलों की जांच रिपोर्ट सबस्टैंडर्ड पाई गई है। शीघ्र ही नोटीस जारी कर दिए जाएंगे। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही अगली कार्रवाई भी होगी। अरुण चौहान, असिस्टेंट कमिश्नर , फूड एवं सेफ्टी विभाग
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