
शिमला। कोरोना संकट के बीच मटर और फूलगोभी के उचित दाम ना मिलने के कारण करोली और जाई परगना के किसानों की परेशानियां काफी बढ़ गई हैं और किसान इस बार बैंकों से लिए गए फसल ऋण भी नहीं चुका पाएंगे। शिमला जिला के ट्रहाई गांव के प्रगतिशील किसान प्रीतम ठाकुर, राजेन्द्र ठाकुर, भगतचंद आन्नद, सुरेश वर्मा सहित अनेक किसानों (Farmers) ने बताया कि सीजन के शुरुआती दौर में सोलन और सनौरा सब्जी मंडी में मटर अधिकतम 25 रुपये प्रतिग्राम बिका परंतु बाद इसका रेट 15 से 20 रुपये रहा। इनका कहना है कि दिन-रात खेतों में काम करने के बावजूद किसानों को औसतन मजदूरी भी हासिल नहीं हुई है। गोभी अधिकतम दस रुपये प्रति किलोग्राम बिकी जबकि बाद में रेट ना होने के कारण गोभी के पत्ते पशुओं को खिलाने पड़े।
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इसी प्रकार जाई परगना के महेश इंद्र ठाकुर और सुरेन्द्र ठाकुर ने भी बताया लॉकडाउन (Lockdown) के कारण गाड़ियां बंद होने से शुरुआत दौर में मटर की फसल खेतों में बर्बाद हो गई और सरकार ने जब सब्जियां ढोने के लिए गाड़ियों के परमिट दिए उस दौरान मार्किट में मंदी आ गई थी। किसानों का कहना है कि फसल अच्छी ना होने की स्थिति में बैंकों से लिए गए फसल ऋण की अदायगी नहीं की जा सकेगी। जिला बीजेपी सदस्य प्रीतम ठाकुर ने सरकार से इस बार फसल ऋण माफ करने की मांग की है। इनका कहना है लॉकडाउन के कारण जहां पूरे देश की आर्थिक स्थिति चरमराई है वहीं पर किसान की हालत भी बहुत दयनीय हो गई हैं क्योंकि नकदी फसलें ही किसानों की आय का मुख्य साधन हैं जिससे परिवार का पूरे वर्ष का खर्चा चलता है।
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