
ऊना। जिला में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन ने कारोबारियों के कोविड-19 टेस्ट (Covid-19 Test)करने को कहा है। लेकिन प्रशासन के इस आदेश पर कारोबारियों ने आपत्ति जताई है। कारोबारी इसे उन्हें बिना विश्वास में लिए जारी किया गया तुगलकी फरमान करार दे रहे है। उनका आरोप है कि प्रशासन के इस फरमान से कारोबार जगत बुरी तरह प्रभावित होगा। व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष सोमेश शर्मा ने कहा कि यदि किसी कारोबारी में कोविड-19 के लक्षण पाए जाते हैं या कोई कारोबारी किसी संक्रमित की क्लोज कांटेक्ट में पाया जाता है तो उसकी सैंपलिंग करवाना बिल्कुल उचित है। लेकिन बिना किसी कांटेक्ट ट्रेसिंग( Contact tracing) पर बिना किसी लक्ष्मण के हर कारोबारी का सैंपल करवाना न्याय उचित नहीं है। वहीं एसडीएम डॉ. निधि पटेल ने कहा की व्यापारी किसी भी अफवाह पर ध्यान दें। स्वेच्छा से ही अपने सैंपल करवाएं इसमें किसी से कोई जबरदस्ती नहीं की जा रही है।
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ऊना में बढ़ रहे कोविड-19 संक्रमण के लगातार मामलों के बाद जिला प्रशासन ने ऊना शहर के कारोबारियों की सैंपलिंग करवाने का फैसला लेते हुए कुछ ही घंटों के भीतर सैंपलिंग( Sampling) का पूरा शेड्यूल भी जारी दिया है। दूसरी तरफ हिमाचल व्यापार मंडल ने प्रशासन के इस निर्णय को तुगलकी फरमान करार देते हुए इसपर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष सोमेश कुमार शर्मा ने कहा कि प्रशासन का यह फरमान कारोबार जगत पर कुठाराघात साबित हो सकता है। यदि किसी कारोबारी में कोविड-19 के लक्षण पाए जाते हैं या कोई संक्रमित की कांटेक्ट ट्रेसिंग में शामिल पाया जाता है तो उसकी सैंपलिंग करवाना सही है। लेकिन हर कारोबारी पर सैंपलिंग का आदेश थोपना प्रशासन का तुगलकी फरमान है। इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। वहीं व्यापार मंडल की ऊना शहरी इकाई के अध्यक्ष मोती लाल कपिला ने कहा कि देश में लॉकडाउन( Lockdown) के बाद से अब तक कारोबार नुकसान की परिस्थिति से गुजर रहा है और ऐसे में अब प्रशासन के लिए आदेश है कारोबारियों के लिए और भी मुसीबत खड़ी करने वाले हैं। व्यापारी सदा सरकार और प्रशासन के साथ खड़े है लेकिन इस तरह के निर्देशों से पहले दुकानदारों को विश्वास में लिया जाना चाहिए था।
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इस पूरे मामले को लेकर एसडीएम ऊना डॉ निधि पटेल ( Sdm Una Dr. Nidhi Patel) ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि व्यापारी किसी भी अफवाह पर ध्यान ना दें। कोविड के खिलाफ जंग में कोरोना की एक्टिव केस फाइंडिंग बेहद जरूरी है और व्यापारियों के कोविड टेस्ट करवाने के लिए एक सुविधा प्रदान की जा रही है। उन्होंने साफ़ किया कि इसमें किसी की भी जबरदस्ती टेस्टिंग नहीं की जाएगी बल्कि व्यापारी स्वेच्छा से आगे आकर अपने टेस्ट करवा सकते है। एसडीम ने बताया कि कारोबारियों के हितों को लेकर प्रशासन पूरी तरह से सजग है। जिसके तहत एक व्यवस्था बनाकर नियम को लागू किया जा रहा है। निधि पटेल ने बताया कि यदि कोई कारोबारी संक्रमित पाया जाता है तो उसकी दुकान को सैनिटाइज करने के साथ दो दिन के लिए बंद किया जाएगा। जबकि उसके परिवार का कोई भी स्वस्थ सदस्य उसके बाद दुकान खोलने के लिए अधिकृत होगा।
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