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9 जमातियों की देन है काेरोना का पहला केस, 10 दिन ठहरे थे यहां

(मनोज राजपूत).हलके में काेरोना वायरस का पहला पॉजिटिव केस जवाहरपुर गांव में बाहर से आकर ठहरे जमात के लोगों की देन है। यहां कुल 9 जमाती गांव की मस्जिद में न केवल 10 दिन तक ठहरे थे, बल्कि गांव के कई लोग भी नमाज समेत उनके साथ मरकज में शामिल हुए। इनमें मलकीत सिंह की फैक्टरी में काम करने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के आठ वर्कर्स भी हैं जो बाहर से आए इन जमातियों की सेवा में लगे रहे। हैरानी की बात तो यह है कि ये लोग कर्फ्यू के बीच दिल्ली भी लौट गए। बिना प्रशासनिक मंजूरी से ऐसा संभव नहीं, इसलिए प्रशासन स्वयं भी कटघरे में है।

पहचान की जांच तेज

बहरहाल, पुलिस इन 9 लोगों के लौट जाने के बाद उनकी पहचान करने के लिए जांच तेज कर दी है। गांव के सरपंच गुरविंदर छोटा ने बताया कि जमात लगाने के लिए कर्फ्यू से पहले 18 मार्च को कुछ लोग मस्जिद में रुके थे। इनके जमातियों के पास स्थानीय लोगों के अलावा मलकीत की फैक्टरी के कुछ वर्कर्स भी जाते थे और नमाज के अलावा मरकज में हिस्सा लेते रहे। इस दौरान उन्हें गांव के मंसूर अली उर्फ भागा जिसकी गांव में आटा चक्की भी है, ने बताया कि 9 लोग जनता कर्फ्यू के बाद पंजाब में जारी लॉकडाउन के साथ कर्फ्यू में फंस गए। इन लोगों को अब वापस लौटना है।

गाड़ी से वापस गए

पता चलने पर उन्होंने खुद पुलिस को फोन किया कि इन लोगों की जांच की जाए। पुलिस के मुलाजिम इनकी जांच करने पहुंचे भी और इनके आधार कार्ड की प्रतियां उन्हें वॉटसएप भी की गईं। बाद में पता चला कि ये लोग एक गाड़ी में 20 मार्च या 29 मार्च के बीच लौट गए। लौटने बारे में उन्हें बताया नहीं गया परंतु मंसूर अली ने ही उनके लिए गाड़ी समेत अन्य इंतजाम किया। उन्हें पता चला है कि ये लोग शायद मंजूरी पास लेकर रवाना हुए। थाना प्रभारी सतिंदर सिंह ने बताया कि जमात के 9 लोगों की सूचना जनता कर्फ्यू के बाद उनके पास आई तो उन्होंने इन लोगों से वहीं ठहरने के लिए कहा। उनकी जांच के लिए भी कहा गया था परंतु ये लोग बिना जांच के कब और कैसे लौटे, इसके बारे में पता नहीं है।

सवालिया निशान

गांव के मंसूर अली समेत उनके संपर्क में आए तमाम लोगों से पुलिस पूछताछ और जांच की जा रही है। इनमें मलकीत सिंह के वर्कर्स भी शामिल थे। सवाल है कि लॉकडाउन में जहां बाहरी लोग खासकर जमातियों पर खास निगाह रखी जा रही थी तो ये लोग पुलिस व प्रशासन को चकमा देकर बिना बताए कैसे लौट सकते हैं। इन्हें कौन किसकी मंजूरी से कब दिल्ली छोड़कर आया, इसकी जांच उनके लौटने के करीब हफ्ते बाद ही क्यों की जा रही है, यह प्रशासन की कारगुजारी पर भी सवालिया निशान लगाता है।

सैंपल भेजे

यहां के जवाहरपुर के 43 साल के मलकीत सिंह को कोरोना पाए जाने से इलाके में दहशत का माहौल है। गांव के सरपंच व पंचायत समेत पीड़ित के संपर्क में आए 29 घरों में कुल 57 लोग होम क्वारेंटाइन कर लिए गए हैं। इनमें से 24 लोगों की सैंपलिंग कर उन्हें जांच के लिए भेजा गया है। सैंपलिंग वालों में पीड़ित पंच और सरपंच के परिवार सहित उसकी फैक्टरी के कुछ वर्कर्स भी शामिल हैं।



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जांच के लिए जवाहरपुर के सरकारी स्कूल में पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम।जमातियों ने किया बुरा हाल


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