(ननु जोगिंदर सिंह) कोविड-19 को हराने के लिए किसी भी व्यक्ति के पास मेडिकल फील्ड में अगर आइडिया हो तो वह अपना आइडिया दे सकता है जिसको आगे एक्सपर्ट साइंटिस्ट इवोल्यूट करेंगे और उसका इस्तेमाल कोरोनावायरस के खिलाफ चल रही इस जंग में किया जाएगा।यह कंपीटीशन पीजीआई स्थित आईसीएमआर का सेंटर फॉर इनोवेशन एंड बायो डिजाइन करवा रहा है। इसके लिए लिंक का प्रचार सोशल मीडिया के जरिए भी किया जा रहा है।
सेंटर का मकसद नए आइडिया और इनोवेशन को प्रमोट करना..सेंटर के डायरेक्टर और प्रिंसिपल इन्वेस्टीगेटर डॉ. वरिंदर गर्ग ने बताया कि इस इनोवेशन सेंटर का मकसद नए आइडिया और इनोवेशन को प्रमोट करना है। 3 साल के लिए शुरूआती स्तर पर सेंटर को 4.97 करोड रुपए की ग्रांट मिली है। क्योंकि इस समय कोरोनावायरस मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है इसलिए इसी विषय पर आइडिया मांगे गए हैं।
मेडिकल फील्ड की समस्याएं हल करना मकसद
सेंटर मेडिकल डिवाइसेज और इंस्ट्रूमेंट का एक ऐसा मिलाजुला इको सिस्टम तैयार करना चाहता है जिसमें मेडिकल फील्ड की समस्याएं हल करने के लिए इंजीनियरिंग और मेडिकल दोनों फील्ड के लोग मिलकर काम करें। यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (यूआईईटी), सेंट्रल साइंटिफिक इंस्टीट्यूट ऑर्गेनाइजेशन (सीएसआईओ), थापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी पटियाला और पीजीआईएमईआर के एक्सपर्ट इसमें शामिल हैं। इस सेंटर का मकसद इंजीनियर क्लीनीसियंस और मेडिकल टेक्नोलॉजी से जुड़े लोगों को एक साथ एक मंच देना है।
आइडिया को इनक्यूबेट करने के लिए मदद करेगाआईसीएमआर
आईसीएमआर का सेंटर इस आइडिया को इनक्यूबेट करने के लिए मदद करेगा.. सेंटर की ओर से कराए जा रहे इस कंपीटीशन में पीजीआईएमईआर, आईआईटी, पंजाबी यूनिवर्सिटी और एनआईटी आदि की टीमें आइडिया का एवोल्यूशन करेंगी। इसके बाद सेंटर इस आइडिया को इनक्यूबेट करने के लिए मदद करेगा। फाइनेंस से लेकर तकनीकी सहायता और मार्केटिंग तक मदद इनक्यूबेशन सेंटर ही करता है।
4 अप्रैल से लेकर 12 अप्रैल तक दिए जा सकते हैंआइडिया
अर्ली डायग्नोसिस, वैक्सीन, नोबेल थैरेपीयूटिक्स, री प्रपोजिंग ऑफ ड्रग, सपोर्टिंग फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर, प्रीडिक्शन एंड प्रवचन, डायग्नोस्टिक्स एंड डिसीजन सपोर्ट, रिमोट मॉनिटरिंग, कांटेक्ट ट्रेसिंग और कंटेनमेंट स्ट्रेटजी, सोशल एंड मेंटल एस्पेक्ट और असिस्टेंट डिवाइसेज के लिए आइडिया 4 अप्रैल से लेकर 12 अप्रैल तक दिए जा सकते हैं। इस प्रोग्राम में पीजीआई और पीयू के अलावा आईआईटी रोपड़ एनआईटी जालंधर आईआईएम कोलकाता थापर इंस्टीट्यूट और चितकारा यूनिवर्सिटी भी पार्टनर है।
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