कोरोना वायरस को हराने के लिए जहां डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ दिन रात ड्यूटी रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कुछ डाॅक्टर कोरोना के खात्मे के लिए वैक्सीन तैयार करने में जुटे हैं। ऐसे में जीएमसीएच-32 के यंग डाॅक्टर्स ने कोरोना के पॉजिटिव मरीजों को खाना व दवा देने के लिए पैरा मेडिकल स्टाफ की भागदौड़ को कम करने के लिए अपनी तरह का पहला रोबोट को तैयार किया है। राेबाेट बनाने में 10 हजार रुपए खर्च अाया है। इसे डाॅ. निशांत सवाल, डाॅ. हरगुनबीर सिंह और डाॅ. तनिश मोदी ने तैयार किया है। रोबोट से आइसोलेशन वार्ड में मरीजों को दवा एवं खाना पहुंचाने में मदद मिलेगी। इसका ट्रायल भी कर लिया गया है।
डॉक्टर इंफेक्शन से बचेंगे
रोबोट की मदद से कोरोना पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में पैरामेडिकल स्टाफ कम आएगा। उन्हें कोरोना वार्ड में जाने के लिए बार-बार पीपीई सेफ्टी किट भी नहीं पहननी पड़ेगी। इससे पीपीई सेफ्टी किट की शॉर्टेज से निजात के अलावा इस पर खर्च होने वाला पैसा भी बचेगा। बड़ी बात यह है कि बार-बार कोरोना वार्ड में न जाने से पैरामेडिकल स्टाफ इस इंफेक्शन से काफी हद तक बचा रहेगा।
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