शिमला। हिमाचल में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक (Cabinet Meeting) में जेबीटी (JBT) मामले को लेकर भी गहन चर्चा हुई। चर्चा के लिए प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को विशेष तौर पर बुलाया गया। चर्चा के बाद सरकार ने शिक्षा सचिव को हाईकोर्ट से आए फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने या हाईकोर्ट में ही पुनर्विचार याचिका दायर करने का फैसला लेने का अधिकार दे दिया है। प्रदेश सरकार का मानना है कि जेबीटी ही प्राइमरी कक्षाओं को पढ़ाने के लिए उपयुक्त हैं। यह भी पढ़ें: हिमाचल कैबिनेट में खुला नौकरियों का पिटारा, 382 पदों को भरने की मंजूरी बता दें कि सीएम जयराम की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Highcourt) से जेबीटी मामले पर आए फैसले की तरह राजस्थान हाईकोर्ट से आए विपरीत फैसले पर मंथन हुआ। सरकार को बताया गया कि इसी तरह के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने बीएड डिग्री धारकों को पहली से पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए पात्र नहीं माना है। जबकि प्रदेश हाईकोर्ट ने जेबीटी भर्ती के लिए बीएड (B.ED)वालों को भी पात्र बना दिया है। मामले पर चर्चा करने के बाद राजस्थान हाईकोर...